दोस्तों,
आज से मैंने चचा ग़ालिब के शेर को सामने रख अपना ब्लॉग शुरू
किया है ."बाज़ीचए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे /होता है शबोरोज़
तमाशा मेरे आगे /"बच्चों का खेल ही है यह दुनिया और तमाशा
शबोरोज़ क्या हर लम्हा होता है .आप सब को खुला निमंत्रण है के
आप अपने विचार ,अपने कलाम और अपनी मुहब्बतें इस" होता है
शबो -रोज़ ....." में दर्ज करें .
आपका ही
संजय कुमार कुंदन
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