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भ्रष्टाचार के खिलाफ़


अब आप ये न पूछें के मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ़ क्यों लिखने बैठ गया.
दरअसल मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ़ नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों के पक्ष में
लिखने जा रहा हूँ .भ्रष्टाचारियों ने इस देश के विकास और रौनक़ के लिए
जितना किया उसके लिए हमें एहसानमंद होना चाहिए. सोचिये ,सड़क
पर इतनी अच्छी-अच्छी गाड़ियां ,इतने ख़ूबसूरत मकान ,महंगे होटल ,
बड़े -बड़े कार्यक्रमों के समृद्ध दर्शक क्या ईमानदार लोगों के बल पर है.
अगर देश में सिर्फ़ ईमानदार रहेंगे तो कैसी फटेहाली की तस्वीर नज़र
आयेगी.अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हमारी भद्द उड़ जायेगी.हम कहीं के नहीं रहेंगे
और विदेशी भीख भी उतनी तगड़ी हमें मिलेगी नहीं .क्योंकि सड़क के
भिखारी को आठ आने ,एक रुपये की भीख मिलती है जबकि सूटेड -बूटेड
भिखारी प्लेन से जाकर करोड़ों की भीख ले आते हैं.
आप ख़ुद सोचिये, एक सूखी अधखाई लड़की आपको अच्छी लगती है के
खाई-पियी गदबदी लड़की ,एक आँखों में भूख सजाए मरियल जवान या
एक सिक्स पैक वाला स्वस्थ सुन्दर नौजवान .समृद्धि कितनी आकर्षक
होती है .चियर गर्ल्स कितनी लुभावनी, कई हाथों में वर्ल्ड -कप उठाए ,
शैम्पेन की झाग से भीगे चेहरे कितने उत्तेजक .अमीरी और समृद्धि कितने
फैन बनाती हैं .क्या गन्दगी ,फटेहाली का कोई फैन बन सकता है .
तो भाइयों ,देश की इतनी सुन्दर और लुभावनी तस्वीर बना कर देश और
समाज की इज्ज़त कौन बचाता है .आप ख़ुद ही सोचिये और भ्रष्टाचारियों
के बारे में एक second thought दीजिये .

संजय कुमार कुंदन

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