व्यस्त सड़क पर चलते हुए
मैं देखती हूँ
कुचला हुआ जानवर
कोई तेज़ रफ़्तार गाड़ी
चढ़ गयी होगी उसपर
भागने और बचने की मोहलत
ही नहीं मिली होगी उसे
और बिना कुछ समझे
मर गया होगा
एक गाड़ी रोज़ आती है
हर आदमी के जीवन की सड़क पर
कुचलती हुई गुज़र जाती है उसे
और वह बिना समझे नहीं मरता
बस तलाश है उस गाड़ी की
जिससे कुचले जाने के पहले
मोहलत ही नहीं मिलती समझने की
***************** प्रतिभा वर्मा
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