हम हाफ़िज़े का नया खेल इक रचाएँगे
करेंगे याद तुम्हें , तुमको ही भुलाएंगे
तेरे जहाँ में दिखाएँ तो क्या दिखाएँ हम
करेंगे याद तुम्हें , तुमको ही भुलाएंगे
तेरे जहाँ में दिखाएँ तो क्या दिखाएँ हम
नज़र वो पैदा करें तब तो देख पाएँगे
कभी-कभी जो इशारे दिए हैं फ़ितरत ने
समझ लें उनको तो दुनिया को भूल जाएँगे
बहुत कठिन तो नहीं है हयात में चलना
बहुत संभल के चलेंगे तो डगमगाएंगे
ये मिलना और बिछड़ना है इत्तफ़ाक़ मगर
ज़रा सा वक़्ते-जुदाई में ठहर जाएँगे
कभी जो रोने को ढूँढोगे मोतबर शाना
रहेंगे दूर मगर तुमको याद आएँगे
जले हैं ख़ूब मगर कौन मान ले 'कुन्दन'
हम और अपनी सदाक़त भी क्या बताएँगे
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कभी-कभी जो इशारे दिए हैं फ़ितरत ने
समझ लें उनको तो दुनिया को भूल जाएँगे
बहुत कठिन तो नहीं है हयात में चलना
बहुत संभल के चलेंगे तो डगमगाएंगे
ये मिलना और बिछड़ना है इत्तफ़ाक़ मगर
ज़रा सा वक़्ते-जुदाई में ठहर जाएँगे
कभी जो रोने को ढूँढोगे मोतबर शाना
रहेंगे दूर मगर तुमको याद आएँगे
जले हैं ख़ूब मगर कौन मान ले 'कुन्दन'
हम और अपनी सदाक़त भी क्या बताएँगे
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