ग़ज़ल Public Friends Only Me Custom Family Saakshar Bharat See all lists... government of bihar Patna, India Area Go Back तुम झूठ जो बोलो तो चलो झूठ ही बोलो सच से कहो के हाथ मलो , झूठ ही बोलो घर से तो मियाँ काम से निकलोगे ही बाहर अब क्या करोगे , सबसे मिलो, झूठ ही बोलो अब और कितने फ़ाक़े भला सच के लिए हों बस मक़्र के टुकड़ों पे पलो , झूठ ही बोलो वो क्या सुफ़ैद गाडी पे ज़न्नाटे से निकला है दोस्त तुम्हारा वो ? लो, झूठ ही बोलो कुछ रस्मो-राह भी तो निभाना ज़रा सीखो रक्खो न फोन, कह दो हलो, झूठ ही बोलो महफ़िल में हो तो साहिबे-महफ़िल भी तुम्हीं हो सबकी न सुनो, ख़ुद को छलो , झूठ ही बोलो कह दो ये सबसे घर पे अहम काम हैं 'कुंदन' जी भर गया तो उठ के चलो , झूठ ही बोलो ***************************
यह ब्लॉग बस ज़हन में जो आ जाए उसे निकाल बाहर करने के लिए है .कोई 'गंभीर विमर्श ','सार्थक बहस 'के लिए नहीं क्योंकि 'हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन ..'